नंबर | वर्ष | माह | तारीख | जगह | कारण |
१ | १८९३ | मई | ३१ | पीटरमैरित्सबर्ग | प्रथम श्रेणी के डिब्बे से धक्का दे कर उनको उतारा गया |
जून | २ | पारडेकोप,ट्रान्सवाल | सीगराम के मुखिया द्वारा हमला | ||
२ | १८९७ | जनवरी | १३ | डर्बन | बंदरगाह पे उतरते ही भीड़ द्वारा हमला |
३ | १९०८ | फरवरी | १० | जोहानिसबर्ग |
मीर आलम व अन्य ने उनपर हमला किया जैसे ही वे स्वैच्छिक परवाना के लिए गए |
मार्च | ५ | डर्बन | उनपर हमले की कोशिश हुई | ||
४ | १९१४ | मार्च | २७ से २८ | जोहानिसबर्ग | सभा में हमले की कोशिश, मीर आलम द्वारा बचाव |
हिन्दुस्तान | |||||
१ | १९२० | मई | २२ | अहमदाबाद | गांधीजी जिस रेलगाड़ी में यात्रा करनेवाले थे उसको दुर्घटनाग्रस्त करने की योजना सरकार ने बनाई है एसा हस्ताक्षरहीन पत्र बाईस तारीख को मिला |
२ | १९२१ | जनवरी | ११ | अहमदाबाद | हत्या की धमकी भरा पत्र मिला |
३ | १९३४ | अप्रैल | २५ | जशीदी-पटना |
लालनाथ के नतृत्व में सनातन धर्मियों ने लाठियों और पत्थरों से हमला बोला |
जून | २५ | पूणे | नगर निगम कार्यालय के निकट गांधीजी पर बम फेका गया | ||
जुलाई | ११ | कराची | एक मुलाकाती फावड़ा लेकर आया जो पुलिस द्वारा ले ली गयी | ||
जुलाई | ३१(!) | बनारस |
मणिलाल शर्मा गांधीजी की गिरफ्तारी का आदेश बाबा कालभैरव के निर्देश पर लाये । निर्देश ये था की गांधीजी को गिरफ्तार कर लिया जाए पर अगर वो अपनी छवि न दे पाए तो उन्हें सजा दी जाए |
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४ | १९४० | फरवरी | २७ | श्रीरामपुर-कलकत्ता |
श्रीरामपुर में गांधीजी पर जूता फेका गया जो महादेव देसाई को लगा |
५ | १९४४ | सितम्बर | ८ | सेवाग्राम | हिन्दुओं के समूह के मुखिये के पास से छुरी प्राप्त हुई गांधीजी और मोहोम्मद अली जिन्नाह की मुलाकात का विरोध कर रहे थे |
६ | १९४६ | जून | ३० |
कर्जत (बंबई से पूणे जाते वक्त |
नेरल और कर्जत के स्टेशनों के बीच रेलगाड़ी को दुर्घटना ग्रस्त करने की साजिश |
अक्टूबर | २८ | अलीगढ़ | गांधीजी की गाड़ी के डिब्बे पर पत्थर फेंके गए | ||
७ | १९४७ | जुलाई | ३१ |
दिल्ली से रावलपिंडी जाते वक्त |
फिल्लौर स्टेशन पर एक बम से उस रेलगाड़ी को उड़ाने की साजिश जिसमें गांधीजी यात्रा कर रहे थे |
अगस्त | ३१ | कलकत्ता | हिन्दुओं द्वारा लाठियों और पत्थरों से हमला | ||
८ | १९४८ | जनवरी | १४ | दिल्ली | गांधीजीको मरने दो हम खून का बदला खून से लेंगे' जवाहर लाल नेहरु बाहर आये और चुनौती दी 'कौन कहता हैं गांधी को मरना चाहिये' आओ, पहले मुझे मारो' |
जनवरी | २० | दिल्ली | प्रार्थना सभा के दौरान एक बम फटा | ||
जनवरी | ३० | दिल्ली | सांय प्रार्थना सभा के लिए बिरला हाउस के मैदान जा रहे थे उनकी सीने पर नाथूराम गोडसे ने तीन गोलियां चलाई और उनके मूह से निकला 'हे राम' |